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माथा भाग / सुधीर बर्त्वाल

माथा भाग
माथा भाग देलु देबता
देलु आस उलार।
डांडी-कांठ्यों मा खिलली फ्यूंली
खिललो लाल बुरांश।
धन का भंडार भरेला
भरेला नाजा कुठार।
उन्नति-विकास कु बसेरू होलु
होलि मनसा साफ।
धीत भरेली, बिथा मिटली
लगली पैंतल्यूं पराज।
खित हैंसली बेटी-ब्वारी
बासलु कफ्फू-हिलांस
मांगल लगला चैक सदानि
जामली नै बिज्वाड़।
चैंदिशू होलू सगुन सब्यों का
जै बदरी, जय केदार।