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मानसिकता / राजेश श्रीवास्तव

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कुछ नहीं कहती धरती
नदी भी कुछ नहीं बोलती,
या आप ही नहीं सुनते कुछ?
कहना मुश्किल है कि
आप समझे नहीं
अथवा बात अधूरी है,
क्योंकि कहने से ज्यादा
सुनने की मानसिकता जरूरी है।