Last modified on 13 अक्टूबर 2016, at 01:58

मिल गया मुझको भी राशन बीपीएल के रेट पर / नकुल गौतम

एक दस का नोट दे सस्ती दुकां के गेट पर,
मिल गया मुझको भी राशन बीपीएल के रेट पर

लिस्ट में दिखता ग़रीबों की वो नंबर वन पे है,
प्लेट खाने की टिका सकता है बेशक पेट पर

बच गया सिग्नल के सब श्वेताम्बरी दूतों से मैं,
जब से चिपकाया कमल का फूल इक हेलमेट पर

जब से घर बनवा लिया है, इस भरी महंगाई में,
मैं नहीं ले जा सका बेग़म को तब से डेट पर

फूल अब मिलते हैं प्रियवर आसमानी दाम पर,
जन्मदिन शुभकामना भेजी है इंटरनेट पर

ग्रह दशा कैसी भी हो, घबराओ मत यजमान तुम,
कुछ हरे कागज़ चढ़ा दो दक्षिणा में प्लेट पर

वो भी क्या दिन थे हसीं बचपन के, जम हम थे रईस,
हम बना लेते थे सोने के महल भी स्लेट पर

सच कहो या झूठ, पर तारीफ बेग़म की करो,
भूल कर भी मत करो कॉमेंट उनके वेट पर

सैलरी के दूसरे दिन आज फिर सूखा पड़ा,
लिख दिया टू-लेट मैंने आज फिर वॉलेट पर

वाहवाही सुन के फूलो मत 'नकुल' तुम इस कदर,
ये ज़माना है चढ़ा देगा तुम्हे इवरेस्ट पर