भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मीठी थूली ओ सायबा दूद से / मालवी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:18, 29 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=मालवी }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मीठी थूली ओ सायबा दूद से
जेको अजब सवाद
लाडू पेड़ा हो सायबा लापसी
जेको बड़ो रे सवाद
गोदी भरी हो सायबा पूत से
जेको अनन्द उछाव
मेलां फूले हो सायबा केवड़ो
जेकी आवे परमल बास।