http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4_%E0%A4%B9%E0%A5%8B_%E0%A4%97%E0%A4%AF%E0%A5%87_%E0%A4%B9%E0%A4%AE_/_%E0%A4%89%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B7%E0%A4%A3&feed=atom&action=historyमुक्त हो गये हम / उर्मिल सत्यभूषण - अवतरण इतिहास2024-03-28T22:43:18Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4_%E0%A4%B9%E0%A5%8B_%E0%A4%97%E0%A4%AF%E0%A5%87_%E0%A4%B9%E0%A4%AE_/_%E0%A4%89%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B7%E0%A4%A3&diff=268958&oldid=prevसशुल्क योगदानकर्ता ५: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उर्मिल सत्यभूषण |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2019-10-19T18:45:39Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उर्मिल सत्यभूषण |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>{{KKGlobal}}<br />
{{KKRachna<br />
|रचनाकार=उर्मिल सत्यभूषण<br />
|अनुवादक=<br />
|संग्रह=अंधेरों के खिलाफ / उर्मिल सत्यभूषण<br />
}}<br />
{{KKCatKavita}}<br />
<poem><br />
जानते थे अगर-<br />
प्रेममय जीवन<br />
की आयु है छोटी सी-<br />
तो जी लेते भरपूर<br />
छोटी सी आयु को।<br />
पी लेते घूंट घूंट<br />
प्रेम का मधुरस<br />
पाये न तोड़ वर्जनाओं<br />
की सांकल तुम<br />
हाय! जिये घुट-घुट के<br />
होंठो को सिये।<br />
पिये न दो घूंट<br />
खुशियों के जाम<br />
पूरी तरह इसीलिये<br />
मर भी तो पाये न<br />
प्यास चाहतों की<br />
लिये-लिये आंखों में<br />
टूटे छितरे तिनके<br />
अधूरे सपनों के<br />
पीछे बिखर गये<br />
अटके रहे प्राण<br />
हाय! फंसे-फंसे<br />
मोह जाल में भटके कहाँ-कहाँ?<br />
छाया की न्याईं<br />
एहसासों की दुनिया में<br />
लटके संग-संग<br />
बहुत हो गया अब<br />
तोड़ो ये कारा।<br />
मोहक संबंधों की<br />
नेहिल अनुबंधों की<br />
भोगी है बहुत सजा<br />
बड़भागी ने मेरे-<br />
मेरे हतभागी ने<br />
जाओ! जाओ पंछी<br />
उड़ जाओ मुक्त गगन में<br />
ज्योति में ज्योत बनो तुम<br />
मुक्त करती हूँ तुमको<br />
क्षमाशील होकर<br />
होती हूँ स्वयं मैं<br />
मुक्त...।<br />
</poem></div>सशुल्क योगदानकर्ता ५