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मुझे चुप लगी मुद्दआ कहते-कहते / मोमिन

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मुझे चुप लगी मुद्दआ1 कहते-कहते
रुके हैं वह क्या जाने क्या कहते-कहते

ज़बाँ गुँग2 है इश्क़ में गोश3 में कर4 है
बुरा सुनते-सुनते भला कहते-कहते

शबे-हिज्र में क्या हुजूमे-बला5 है
ज़बाँ थक गयी मरहबा6 कहते-कहते

गिला-हरज़हगर्दी7 का बेजा न थ कुछ
वह क्यों मुस्कुराये बजा कहते-कहते

सद्-अफ़सोस8 जाती रही वस्ल की शब
ज़रा ठहर ऐ बेवफ़ा कहते-कहते

चले तुम कहाँ मैंने तो दम लिया है
फ़साना-दिले-ज़ार9 का कहते-कहते

बुरा हो तेरा मरहमे-राज़10 तूने
किया उनको रुसवा11 बुरा कहते-कहते

सितमहाये-गरदूँ12 मुफ़स्सल13 न पूछो
कि सर फिर गया माजरा14 कहते-कहते

शब्दार्थ:

1. अर्थ, 2. मूक, 3. कान, 4. बधिर, 5. ढेरों कष्ट, 6. वाह-वाह, 7. आवारागर्दी का शिकवा, 8. बहुत दुख. 9. बीमार दिल की कहानी, 10. रहस्य का जानकार, 11. ग़ुस्से में, 12. आसमाँ के ज़ुल्म, 13. ब्यौरेवार, 14. बात का विषय