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मुझे मालूम है दर्द-ओ-अलम अपना / त्रिपुरारि कुमार शर्मा

मुझे मालूम है दर्द-ओ-अलम अपना
कहाँ जाऊं मैं लेकर सारा ग़म अपना

मेरी आह का दुनिया में तर्जुमा नहीं है