मुझे लूटना है मुश्किल, मेरा टूटना है मुश्किल क्यों फिजूल कर रहे हो, मुझे लूटने का दावा न उमंग ही बची है, न तरंग ही जंची है मेरे पास कुछ नहीं है, मेरे दर्द के अलावा। </poem>
मुझे लूटना है मुश्किल, मेरा टूटना है मुश्किल क्यों फिजूल कर रहे हो, मुझे लूटने का दावा न उमंग ही बची है, न तरंग ही जंची है मेरे पास कुछ नहीं है, मेरे दर्द के अलावा। </poem>