Last modified on 3 अप्रैल 2020, at 13:40

मुलाक़ात होगी / राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:40, 3 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' |अनुवा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जहाँ ज़िन्दगी में मुलाक़ात होगी।
हसीं ख्वाहिशों की भी बरसात होगी॥

पड़ा क्यों तू मज़हब के चक्कर में नादां।
अगर है तू इंसा तो इक ज़ात होगी॥

जो होगी कशिश गर हमारी वफ़ा में।
कहीं न कहीं फिर मुलाक़ात होगी॥

करेगा इबादत जो दिल से अगर तू।
फिर उसके करम की भी बरसात होगी॥

सजी है जो महफ़िल यहाँ अपनी "राना" ।
तेरी शायरी में भी कुछ बात होगी॥