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मुहिंजा पिंरी प्यारा, मुंहिंजे जीअ जा जियारा / लीला मामताणी

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मुहिंजा पिंरी प्यारा, मुंहिंजे जीअ जा जियारा
सुखी रहीं सलामत, मुंहिंजे साह जा सहारा

जे लुड़िक मूं वहाया देरा ग़मनि लॻाया
चयुमि कीन चपति सां-चुप चाप नीर वहाया
लुटिजी वेई हुई ज़िंदगी छुटिजी विया किनारा
मुहिंजा पिंरी प्यारा, मुंहिंजे जीअ जा जियारा

दिलि में अथमि हीअ आस, पिंरी शाल पुॼाए
विछुड़ियलु आ मुहिब मुंहिंजो, मूंखे झट सां मिलाए
ही ज़ख्म रिसी ताज़ा थिया, धारा ही धारा
मुहिंजा पिंरी प्यारा, मुंहिंजे जीअ जा जियारा

शल यार कंहिंजो कंहिं सां ही बेवफ़ा न थिए
पोइ भल हुजे परे पर मूंसां ख़फ़ा न थिए
रुठल मुहिब परचनि, पर पवनि न घारा
मुहिंजा पिंरी प्यारा, मुंहिंजे जीअ जा जियारा