http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AE%E0%A5%83%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%81_%E0%A4%B8%E0%A5%87_%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BE_%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%BE_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%AF_/_%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF_%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE&feed=atom&action=historyमृत्यु से मेरा तीसरा परिचय / दीप्ति गुप्ता - अवतरण इतिहास2024-03-29T02:23:51Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AE%E0%A5%83%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%81_%E0%A4%B8%E0%A5%87_%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BE_%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%BE_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%AF_/_%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF_%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE&diff=189726&oldid=prevLalit Kumar: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीप्ति गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2015-03-19T05:28:13Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीप्ति गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
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<poem><br />
पहाड़ी लड़कियों की टोली<br />
जिसमें थी मेरी, एक हमजोली<br />
नाम था - उसका ‘रीमा रंगोली‘<br />
सुहाना सा मौसम, हवा थी मचली<br />
तभी वो अल्हड़ 'पिरुल' पे फिसली<br />
पहाड़ी से लुढ़की,<br />
चीखों से घिरती<br />
मिट्टी से लिपटी<br />
खिलौना सी चटकी! <br />
<br />
चीत्कार थी उसकी पहाड़ों से टकरायी<br />
सहेलियां सभी थी बुरी तरह घबराई<br />
पर -<br />
मैं न रोई, न चीखी, न चिल्लाई<br />
बुत बन गई, और आँखे थी पथराई,<br />
मौत के इस खेल से, मैं थी डर गई,<br />
दादी का जाना, चिड़िया का मरना<br />
उसमें थी, एक नयी कड़ी जुड़ गई,<br />
पहले से मानों मैं अधिक मर गई,<br />
लगा जैसे मौत तुम मुझमें घर कर गईं,<br />
दिलो दिमाग को सुन्न कर गईं<br />
मुझे एकबार फिर जड़ कर गईं!<br />
</poem></div>Lalit Kumar