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मृत बहन के लिए प्रार्थना-गीत / ऑस्कर वाइल्ड / अनिल जनविजय

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धीमे-धीमे रक्खो क़दम, वह पास ही लेटी है
बर्फ़ के नीचे
धीरे-धीरे फुसफुसाओ, वह बात तुम्हारी सुनती है
वनफूलों के पीछे

उसके सुनहरे चमकदार बाल
बदरंग हो बन गए हैं चूल
वह जवान गोरी लड़की
अब बन चुकी है धूल

कमलिनी की तरह, बर्फ़-सा रंग था
वह नहीं जानती थी
वह भी औरत है एक
यह तक नहीं पहचानती थी

भारी पत्थर की तरह ताबूत का ढक्कन
उसकी छाती पर पड़ा है
वह शान्ति से सो रही है
औ’ मेरी छाती में इक शूल गड़ा है।
 
शान्ति, शान्ति, वह सुन नहीं सकती
संगीत या भजन
मिट्टी के उस ढेर के नीचे है मेरा भी जीवन
मैं भी हूँ वहाँ दफ़न।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
 Tread lightly, she is near
Under the snow,
Speak gently, she can hear
The daisies grow.

All her bright golden hair
Tarnished with rust,
She that was young and fair
Fallen to dust.

Lily-like, white as snow,
She hardly knew
She was a woman, so
Sweetly she grew.

Coffin-board, heavy stone,
Lie on her breast,
I vex my heart alone,
She is at rest.

Peace, peace, she cannot hear
Lyre or sonnet,
All my life's buried here,
Heap earth upon it.