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मेंहदी बोवन मैं गई जी कोई छोटे देवर के साथ / हिन्दी लोकगीत

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मेंहदी बोवन मैं गई जी कोई छोटे देवर के साथ
मै बोये बिगे डेडसौ देवर न बिगै चार
मेंहदी रंगे भरा जी राज

मेहंदी सिचन मैं गई जी कोई छोटे देवर के साथ
मैं सिन्चे बिगे डेडसौ देवर न सिंचे चार
मेंहदी रंगे भरा जी राज

मेंहदी काटन मै गई जी कोई छोटे देवर के साथ
मैं काटे बिगे डेडसौ देवर न बिग चार
मेंहदी रंगे भरा जी राज

मेंहदी छानन मैं गई जी कोई छोटे देवर के साथ
मैं छाने बिगे डेडसौ देवर न बिगे चार
मेंहदी रंगे भरा जी राज

मेंहदी घोलन मै गई जी कोई छोटे देवर के साथ
मै घोला बिगे डेडसौ देवर न बिगे चार
मेंहदी रंगे भरा जी राज

मेंहदी लगावन मै गई जी कोई छोटे देवर के साथ
देवर रचाई छोटी आंगली भाभी ने दोनो हाथ
मेंहदी रंगे भरा जी राज

देवर दिखावे अपनी माँ ऐ न भाभी का पिया परदेष
पो पाटी तडका हुआ जी कोई गई तेली के पास
मेंहदी रंगे भरा जी राज

तेली बेटा तेल दे जी कोई आज जगे सारी रात
आज बडी का ओसरा जी कोई करे सोलह सिंगार
मेंहदी रंगे भरा जी राज

टग-टग महलों चड़ गई जी, मेरा जबरक दिवला हाथ
दिवला धरा दीवार पर जी खड़ी पलंग के पास
मेंहदा रंगे भरा जी राज

कहो तो साजन सोई सा कहो तो पाछी जाऊं
जाओ तो सुख सा सोई से रहो तो बैरन रात
मेंहदी रंगे भरा जी राज

टग-टग मेहला उतरी मेरे जबरक दिवला हाथ
छोटी पूछे ऐ बड़ी कहो रात की बात
मेंहदी रंग भरा जी राज

पिया पर पत्थर पड़ो सेजा में पड़ो अंगार
बड़ी कहव ऐ छोटी कोई कर सोहल सिंगार
मेंहदी रंगे भरा जी राज

हाथ साजन दे दिया करली मन की बात
टग-टग मेहला उतरी मेरा जबरक दिवला हाथ
मेंहदी रंग भरा जी राज