Last modified on 16 फ़रवरी 2017, at 16:54

मेढक मामा, उछलो-कूदो / प्रकाश मनु

मेढक मामा
मेढक मामा,
खेल रहे क्यों पानी में,
पड़ जाना
बीमार कहीं मत
वर्षा की मनमानी में।

मेढक मामा
मेढक मामा,
नभ में बादल छाए हैं,
इसीलिए क्या
टर्र-टर्र के
स्वागत-गीत सुनाए हैं।

मेढक मामा,
उछलो-कूदो
बड़े गजब की चाल है,

हँसते-हँसते
मछली जी का
हाल हुआ बेहाल है!

मेढक मामा,
सच बतलाओ,
कब तक बोम्बे जाओगे,
बढ़िया
रेनी कोट सिलाओ,
फिर हीरो बन जाओगे!