मेनका अब भी इन्द्रपुरी में होगी
हो सकता है
पृथ्वी पर अब भी
बच रहे हों
कुछ विश्वामित्र
(जिनकी तपस्या भंग करना आवश्यक हो)
अप्सराएँ स्वर्ग की
हमेशा भंग करती हैं
पृथ्वी के किसी तपस्वी का तप
और ख़ुद पवित्र बनी रह सकती हैं
(केवल स्वर्ग में!)
मेनका अब भी इन्द्रपुरी में होगी
हो सकता है
पृथ्वी पर अब भी
बच रहे हों
कुछ विश्वामित्र
(जिनकी तपस्या भंग करना आवश्यक हो)
अप्सराएँ स्वर्ग की
हमेशा भंग करती हैं
पृथ्वी के किसी तपस्वी का तप
और ख़ुद पवित्र बनी रह सकती हैं
(केवल स्वर्ग में!)