Last modified on 6 मार्च 2014, at 11:32

मेरा इतिहास नहीं है / गोपालदास "नीरज"

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:32, 6 मार्च 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

काल बादलों से धुल जाए वह मेरा इतिहास नहीं है!
गायक जग में कौन गीत जो मुझ सा गाए,
मैंने तो केवल हैं ऐसे गीत बनाए,
कंठ नहीं, गाती हैं जिनको पलकें गीली,
स्वर-सम जिनका अश्रु-मोतिया, हास नहीं है!
काल बादलों से......!

मुझसे ज्यादा मस्त जगत में मस्ती जिसकी,
और अधिक आजाद अछूती हस्ती किसकी,
मेरी बुलबुल चहका करती उस बगिया में,
जहाँ सदा पतझर, आता मधुमास नहीं है!
काल बादलों से......!

किसमें इतनी शक्ति साथ जो कदम धर सके,
गति न पवन की भी जो मुझसे होड़ कर सके,
मैं ऐसे पथ का पंथी हूँ जिसको क्षण भर,
मंजिल पर भी रुकने का अवकाश नहीं है!
काल बादलों से......!

कौन विश्व में है जिसका मुझसे सिर ऊँचा?
अभ्रंकष यह तुंग हिमालय भी तो नीचा,
क्योंकि खुले हैं मेरे लोचन उस दुनिया में,
जहाँ धरा तो है लेकिन आकाश नहीं है!
काल बादलों से......!