Last modified on 12 मई 2018, at 11:15

मेरा जीवन तुम्हें समर्पित / विशाल समर्पित

मेरा जीवन तुम्हे समर्पित

तुम भोर की अरुणिम किरणों सी
तुम वन की चंचल हिरणों सी
तुम धूल हो पावन चरणों सी
तुम फूल हो सुन्दर तरुणों सी
तुम मंदिर की मूरत सी पावन
पावन मस्जिद की इनायत सी
वेदों की ऋचाओं सी पावन तुम
पावन कुरान की आयत सी
निराशाओं के घोर तिमिर में
प्रेम का दीपक तुम पर अर्पित
मेरा जीवन तुम्हे समर्पित

तुम माथे पर लट बिखरी सी
तुम हाँथ मे मेंहदी निखरी सी
तुम मुख पर भौहें उभरी सी
तुम आँख में फैली कजरी सी
तुम पावन सावन की बिजुरी सी
पनघट की अधजल गगरी सी
तुम तपती रेत मे बदरी सी
बरसात मे निकली छतरी सी
आँखों से बरसे हर बादल की
बूँद-बूँद तुमको प्रत्यर्पित
मेरा जीवन तुम्हे समर्पित