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"मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है / ख़्वाजा मीर दर्द" के अवतरणों में अंतर

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मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है|<br>
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मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है
ज़बान जब तलक है यही गुफ्तगू है|<br><br>
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ज़बाँ जब तलक है यही गुफ़्तगू है
  
ख़ुदा जाने क्या होगा अंजाम इस का,<br>
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ख़ुदा जाने क्या होगा अंजाम इसका
मैं बेसबर इतना हूं वो तुन्द ख़ू है|<br><br>
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मै बेसब्र इतना हूँ वो तुन्द ख़ू है
  
तमान्ना है तेरी अगर है तमान्ना,<br>
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तमन्ना है तेरी अगर है तमन्ना
तेरी आरजू है, अगर आरजू है|<br><br>
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तेरी आरज़ू है अगर आरज़ू है
  
किया सैर हमने गुलजार-ए-दुनिया,<br>
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किया सैर सब हमने गुलज़ार-ए-दुनिया
गुल-ए-दोस्ती में अजब रंग- ओ-बू है|<br><br>
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गुले-दोस्ती में अजब रंगो-बू है
  
ग़नीमत है ये दीद वा दीद-ए-यारा,<br>
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ग़नीमत है ये दीद वा दीदे-याराँ
जहा मुंद गयी आँख, मैं हूँ न तू है|<br><br>
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जहाँ मुँद गयी आँख, मैं है न तू है
  
नज़र मेरे दिल की पड़ी ‘दर्द’ किस पर,<br>
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नज़र मेरे दिल की पड़ी ‘दर्द’ किस पर
जिधर देखता हूँ वही रू-ब-रू है|  <br><br>
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जिधर देखता हूँ वही रू-ब-रू है
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08:27, 14 अगस्त 2009 के समय का अवतरण


मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है
ज़बाँ जब तलक है यही गुफ़्तगू है

ख़ुदा जाने क्या होगा अंजाम इसका
मै बेसब्र इतना हूँ वो तुन्द ख़ू है

तमन्ना है तेरी अगर है तमन्ना
तेरी आरज़ू है अगर आरज़ू है

किया सैर सब हमने गुलज़ार-ए-दुनिया
गुले-दोस्ती में अजब रंगो-बू है

ग़नीमत है ये दीद वा दीदे-याराँ
जहाँ मुँद गयी आँख, मैं है न तू है

नज़र मेरे दिल की पड़ी ‘दर्द’ किस पर
जिधर देखता हूँ वही रू-ब-रू है