Last modified on 26 मई 2011, at 00:30

मेरी एक आँख में रात अभी सोई है / त्रिपुरारि कुमार शर्मा

Tripurari Kumar Sharma (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:30, 26 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा }} {{KKCatTriveni}} <poem> मेरी एक आँख म…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेरी एक आँख में रात अभी सोई है
दुसरी आँख में सुबह सुगबुगाने लगी

सुहागरात से जगी हो मेरी नींद जैसे