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मेरी कर्कश आवाज़ नहीं / अत्तिला योझेफ़

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यह मेरी कर्कश आवाज़ नहीं, यह पृथ्वी है
जो कड़कती है
सावधान! सावधान!

शैतान का पागलपन जाग उठा है
अर्द्ध-पारदर्शी वसंत के साफ़-धुँधले फर्श के प्रति वफ़ादारी ने
तुम्हें शीशे में पिघला दिया
चमकीले हीरे के पीछे छिपा
पत्थर के नीचे गुबरैले की घूँ-घूँ

ओ! ताज़ा बनी रोटी की गंध में ख़ुद को डुबो दो
ओ गरीब अभागे! ओ गरीब अभागे!
धरती के नालों में बौछार के साथ कीचड़
बेकार ही ख़ुद में अपने चेहरे को डुबोते हो
इसे सिर्फ़ दूसरों में ही डुबोया जा सकता है

घास की ऊपरी छोटी पत्तियाँ बनो
पृथ्वी की धुरी से बड़े
यंत्रो, चिड़ियो, पेड़ की डालो, नक्षत्रो !
हमारी बाँझ माँएँ एक बच्चे के लिए चीख़ती हैं

मेरे दोस्त, मेरे अजीज़, सबसे चहेते दोस्त,
चाहे यह भयानक रूप में आए या महत्त्वपूर्ण रूप में,
यह मेरी कर्कश आवाज़ नहीं, बस पृथ्वी की कड़क है।

रचनाकाल : 1924

अंग्रेज़ी से अनुवाद : उमा