Last modified on 21 जनवरी 2011, at 00:10

मेरी चुनरी उड़ाए लियो जाए / गोपाल सिंह नेपाली

मेरी चुनरी उड़ाए लियो जाए
उड़ाए लियो जाए फुलवारी की ठण्डी हवा

ठण्डी हवा जो चुनरी उड़ाए
गोरी ये मुखड़ा कहाँ छुपाए
भौरों की टोली नजर लगाए
ओ नज़र सबकी बचाए लियो जाए

मेरी चुनरी उड़ाए लियो जाए
उड़ाए लियो जाए फुलवारी की ठण्डी हवा

ठण्डी हवा में मन मेरा चंचल
बहियाँ पकड़ के हवा कहे चल-चल
चलोगी कैसे बजेगी पायल
ओ मेरी पायल बजाए लियो जाए

मेरी चुनरी उड़ाए लियो जाए
उड़ाए लियो जाये फुलवारी की ठण्डी हवा

जब मेरे मन की चमेली फूले
फागुन में खेले सावन में झूले
भादों में रानी रस्ता न भूले
ओ मेरे मन को भुलाए लियो जाए

मेरी चुनरी उड़ाए लियो जाए
उड़ाए लियो जाए फुलवारी की ठण्डी हवा

(1953) फ़िल्म 'नागपंचमी'