Last modified on 19 अक्टूबर 2015, at 00:27

मेरी साँस / रोज़ा आउसलेण्डर

मेरे संजीदा सपनों में
रोती है ज़मीन
ख़ून के आँसू

पत्थर मुस्कुराते हैं
आँखों में मेरी

मनुष्यो ! आओ
अपने अनेक प्रश्नों के साथ
पास जाओ सुकरात के
मैं उत्तर देती हूँ :

अतीत ने कर दिया है बन्द मुझे
विरासत में पाया है
भविष्य को मैंने I

यही है अब
मेरी साँस II

मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित