Last modified on 6 जून 2011, at 13:25

मेरे देश का नाम / नील कमल

यह कौन सी जगह है
अराजकता के पहाड़ पर
जहाँ
जनतंत्र के हलक़ में
आधी शताब्दी से
बनी हुई है प्यास,

तरसते हैं कान
कब बजेगा
प्यासे कण्ठ से उतरते
पानी का संगीत,

जनतंत्र से ग़ायब होते
जन का
यह कौन सा परिदृश्य है
जहाँ
दुनिया का सबसे मोटा संविधान
जूतियों के तले सिसकता है

यह कौन सी गंगा है
जिसके बेटे की पॉलिटिक्स में
अयोध्या-मथुरा-काशी हैं,

अशोक-चक्र के ऊपर चढ़ा
यह बाज़,
बाज़ के एक पंजे में फूल
बाज़ के दूसरे पंजे में तीर,

अरे ! इस बाज़ को उतारो
कोई मेरे देश का नाम तो बताओ ।