भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरे पास यह दिन है / लीलाधर मंडलोई

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरे पास यह दिन है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह रोटी है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह दोस्त है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह बाज़ार है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह पूंजी है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह जीवन है इत्यादि की तरह

इतना अधिक जीने-मरने के बाद
मैं हूँ इत्यादि की तरह इस दुनिया में