मेरो मन राम-हि-राम रटै / मीराबाई

मेरो मन राम-हि-राम रटै।

राम-नाम जप लीजै प्राणी! कोटिक पाप कटै।

जनम-जनम के खत जु पुराने, नामहि‍ लेत फटै।

कनक-कटोरै इमरत भरियो, नामहि लेत नटै।

मीरा के प्रभु हरि अविनासी तन-मन ताहि पटै।

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.