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मैं, ओरहान वेली / ओरहान वेली

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मैं, ओरहान वेली
प्रसिद्ध रचनाकार
'सुलेमान एफ़ांदी को शान्ति मिले' शीर्षक कविता का ।
सुना गया है कि सबको उत्सुकता है
मेरे निजी जीवन के बारे में जानने की ।

अच्छा, तो मुझे कह लेने दो
सबसे पहले तो यह कि मैं एक मनुष्य हूँ , सचमुच का
नहीं हूँ मैं, सर्कस का जानवर या ऐसा ही कुछ और
मेरी एक नाक है
कान भी हैं
हालाँकि वे बहुत सुगढ़ नहीं हैं ।

मैं एक घर में रहता हूँ और कुछ काम-धाम भी करता ही हूँ ।
मैं अपने सिर पर बादलों की कतार लिए नहीं फिरता हूँ
न ही मेरी पीठ पर चस्पाँ है भविष्य-वाचन का इश्तेहार
मैं इंगलैंड के राजा जार्ज की तरह नफ़ासत वाला नहीं हूँ
और न ही अभिजात्य से भरा हूँ
सेलाल बायार के अस्तबल के हालिया मुखिया की भाँति ।

मुझे पसंद है पालक
मैं दीवाना हूँ पफ़्ड चीज़-पेस्ट्रीज का
दुनियावी चीज़ों की मुझे चाह नहीं है
बिल्कुल नहीं दरकार।

ओकाते रिफ़ात और मेली वेदे
ये हैं मेरे सबसे अच्छे दोस्त
मैं किसी से प्यार भी करता हूँ
बहुत ही सम्मानित है वह
लेकिन मैं बता नहीं सकता हूँ उसका नाम
चलो, साहित्य के आलोचकों को ही करने दो यह गुरुतर कार्य ।

महत्वहीन चीज़ों में व्यस्त रखता हूँ मैं स्वयं को
बनाता रहता हूँ योजनाएँ
और क्या कहूँ?
शायद और भी हज़ारों आदतें हैं मेरी
लेकिन उनको सूचीबद्ध करने से क्या लाभ
वे सब मिलती-जुलती हैं एक दूसरे से -
एक से होता है दूसरे का भान
और दूसरे से पहले का।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह