सुनसान रात फैली है
पहाड़ों से समुद्र तक
पर मैं
जो तुम्हें चट्टान बनाती है
अकेली नहीं हूँ
आकाश भी निर्जन है
चन्द्रमा से समुद्र तक
लेकिन मेरे मन में तुम बसे हो
मैं अकेली नहीं हूँ
यह दुनिया सुनसान है
सभी लोग उदास हैं
पर मैं आपको गले लगाती हूँ
अकेली नहीं हूँ मैं
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय