भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
''' मैं इसलिए लिख रहा हूं '''
मैं इसलिए लिख रहा हूं
कि मेरे हाथ काट दिए जाएं
मैं इसलिए लिख रहा हूं
कि मेरे हाथ
तुम्हारे हाथों से मिलकर
उन हाथों को रोकें
जो इन्हें काटना चाहते हैं.