भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैं कई बार मर चुका हूंगा / पाब्लो नेरूदा

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:36, 24 अक्टूबर 2007 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: पाब्लो नेरूदा  » मैं कई बार मर चुका हूंगा
मैं कई बार मर चुका हूंगा

140px

रचनाकार: पाब्लो नेरूदा
अनुवादक: सुरेश सलिल
प्रकाशक: --दिल्ली-110002
वर्ष: --2006
मूल भाषा: स्पानी (लेकिन अंग्रेज़ी से अनुवाद)
विषय: --
शैली: --
पृष्ठ संख्या: --40
ISBN: --
विविध: --पाब्लो नेरूदा की मरणोपरंत प्रकाशित काव्यकृतियों से ली गई कविताओं के इस खण्ड का नामकरण कवि शमशेर बहादुअर सिंह के एक शे'र के पहले मिसरे पर करने के अपने गहरे आशय हैं । स्वयं नेरूदा ने भी कवि के कृतित्व को बिल्लियों की नौ ज़िन्दगियों के समतुल्य माना है । नेरूदा के निधन के उपरान्त उनकी अनेक काव्यकृतियाँ प्रकाशित हुईं और उनकी एक सर्वथा भिन्न क़िस्म की, अलग तरह की मनोभूमि और काव्य-भाषा वाली कविता सामने आई । उन्हीं में से कवि की छह स्वतन्त्र कविताएँ और एक काव्य-शॄंखला 'सप्रश्न कविताएँ' अंशत: यहाँ दी जा रही है । प्रथम आठ कविताओं के अनुवाद मूल स्पानी पाठ और विलियम ओ. डेली के अंग्रेज़ी अनुवादों की सहायता से तैयार किए गए हैं । 'सप्रश्न कविताएँ' सीरीज़ मूल स्पानी पाठ और बेन बेलिट के अंग्रेज़ी अनुवादों की सहायता से तैयार की गई है । इस सीरीज़ की सभी कविताओं की संरचना प्रश्नवाची है और प्रत्येक वाक्य भी । प्रत्येक कविता के अन्त में मूल कृति की क्रम संख्या भी सुविधा के लिए दी गई है ।

इस पन्ने पर दी गयी रचनाओं को विश्व भर के योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गयी प्रकाशक संबंधी जानकारी प्रिंटेड पुस्तक खरीदने में आपकी सहायता के लिये दी गयी है।