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मैं घोषणा करता हूँ / महमूद दरवेश

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जब तक
मेरी एक बालिश्त ज़मीन भी शेष है
एक जैतून का पेड़ है मेरे पास
एक नीम्बू का पेड़
एक कुआँ
और एक कैक्टस का पौधा

जब तक
मेरे पास एक भी स्मृति शेष है
पुस्तकालय है छोटा-सा
दादा की तस्वीर है
और एक दीवार

जब तक
उच्चरित होंगे अरबी शब्द
गाए जाते रहेंगे लोकगीत
पढ़ी जाती रहेंगी —
कविता की पंक्तियाँ
अनतार-अल-अब्से की कथाएँ
फ़ारस और रोम के विरुद्ध लड़े गए
युद्धों की वीर गाथाएँ

जब तक
मेरे अधिकार में हैं मेरी आँखें
मेरे होंठ और मेरे हाथ
मैं खुद हूँ जब तक
मैं अपने शत्रु के समक्ष घोषित करूँगा —

मुक्ति के लिए प्रबल संघर्ष
स्वतन्त्र लोगों के नाम पर हर कहीं
मज़दूरों, छात्रों और कवियों के नाम पर

मैं घोषित करूँगा —
खाने दो कलंकित रोटी
कायरों को
सूरज के दुश्मनों को
मैं जब तक जीवित रहूँगा
मेरे शब्द शेष रहेंगे —
"रोटी और हथियार
मुक्ति-योद्धाओं के लिए"

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय