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मैं तो भारतवासी हूँ / सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'

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भारत माँ का ताज हिमालय
सबसे सुंदर लगता है।
उस माँ के चरणों को रत्नाकर
हर पल धोया करता है॥

उसी देश का वासी हूँ
मैं तो भारतवासी हूँ।

बाग़ बगीचे उपवन सारे
भीनी सुगंध फैलाते हैं।
तोता मैना कोयल पंछी
एक डाली पर रहते हैं॥

उसी देश का वासी हूँ
मैं तो भारतवासी हूँ।

जिसके गोदी में पल पल
नदिया खेला करती हैं।
जहाँ किसानों की मेहनत से
फसलें झूमा करती हैं॥

उसी देश का वासी हूँ
मैं तो भारतवासी हूँ।

जहाँ हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई
भाई बनकर रहते हैं।
शीश झुकाकर नमन हमेशा
धरती माँ को करते हैं॥

उसी देश का वासी हूँ
मैं तो भारतवासी हूँ।