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मैं देखूँ जिस ओर, सखि री ! / राजा मेंहदी अली खान

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मैं देखूँ जिस ओर सखी री -२
सामने मेरे साँवरिया -२

प्रेम ने जोगन मुझको बनाया -२
तन को फूँका मन को जलाया
प्रेम के दुख में डूब गया दिल
जैसे जल में गागरिया

रो-रो कर हर दुख सहना है -२
दुख सह-सह कर चुप रहना है
कैसे बताऊँ कैसे बिछड़ी -२
पी के मुख से बाँसुरिया

दुनिया कहती मुझको दीवानी -२
कोई न समझे प्रेम की बानी
साजन-साजन रटते-रटते -२
अब तो हो गई बावरिया

फ़िल्म : अनिता (1967)