भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैं धन्य हूँ जन्मा यहाँ / संदीप द्विवेदी

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:07, 8 दिसम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संदीप द्विवेदी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भारत भुवन की नींव में है
शौर्य की उत्रिष्ठ प्रतिमा
भारत के कंठों में भरी है
वीरता की दिव्य गरिमा

भगवान की अद्वितीय कृतियाँ
हुई हैं जिस देश में
संस्कृति के बीज निर्मल
अंकुर हुए ऋषि भूमि में
प्रकृति ने ही स्वयं आकर
दे गयी हों अमिट छवियाँ
गगन धरती जल हवाएं
दिन रात गाएं जिसकी महिमा
अखिल आदि अद्वितीय भारत
मै धन्य हूँ जन्मा यहाँ


योग ,विद्या कला साहित्य
धर्म शासन नीतियां
वाणिज्य,वैदिक, अंक,भौतिक
उभरी यहाँ ये विभूतियाँ
हर क्षण है जिसका प्रेरणा
हर स्वर है जिसकी वन्दना
अखिल आदि अद्वितीय भारत
मैं धन्य हूँ जन्मा यहाँ

सादगी सद्भाव सेवा
संस्कृति सुशोभित सदा
विश्वव्यापी वेद वैभव
विनम्र विराट विशेषता
धन्य धरती धन्य धर्ता
धन्य धर्म की धीरता
अखिल आदि अद्वितीय भारत
मैं धन्य हूँ जन्मा यहाँ