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मैं पतझड़ में बसन्त लिख रहा हूँ / नित्यानंद गायेन

तुम्हारी सुन्दरता पर फ़िदा होने वाले
महसूस नहीं करेंगे
तुम्हारी वेदना को,
तनहाई को।
वे सभी सुन्दरता के कायल हैं
पसन्द नहीं उन्हें उदासी
अन्धकार से नफ़रत है उन्हें
मैं उदासी में
तुम्हारे लिए
गीत लिख रहा हूँ ...
मैं पतझड़ में
बसन्त लिख रहा हूँ।