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मैं प्रतिरोध करूंगा / समीह अल कासिम / अनिल जनविजय

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मैं अपना जीवन खो दूँ चाहे
या जो तुम चाहो
भंगी का काम करूँ
या कुली का
या जो तुम चाहो
खाने के लिए खोजूँ गोबर में अनाज
या गँवा दूँ अपनी ज़मीन का आख़िरी टुकड़ा

तुम मेरी जवानी से भर सकते हो जेलें
जला सकते हो मेरी कविताएँ और किताबें
मेरी बोटियाँ डाल सकते हो कुत्तों के सामने
पर मैं
समझौता नहीं कर सकता
मैं प्रतिरोध करूँगा
नब्ज़ की अन्तिम धड़कन तक

बन्दरगाह पर जलते हुए दीये
आने वाली रोशनी के अग्रदूत हैं
दिगन्त में पाल की मूठ है
मजबूत और विद्रोही, शक्तिशाली
लौटेगा सूरज
सूरज को लाने वाले निर्वासितों के साथ

नहीं
नहीं, मैं प्रतिरोध करूँगा
नब्ज़ की अन्तिम धड़कन तक
मैं प्रतिरोध करूँगा !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय