मैं मान लेता हूँ कि मेरे पास कहने के लिए नया कुछ नहीं
जो था भी, वह फूलों की पंखुड़ियों में जा छिपा है
अगर पंछी अपने परों की जुम्बिश से मुझे सहलाते
तो मैं अपने अल्फ़ाज़ को नए रूप में पेश करता
अपने हाथों को मेरे हाथों में दो
ताकि हमारे दिलों में दौड़ता हुआ ख़ून बात कर सके
शब्दार्थ
जुम्बिश=कंप, हरकत