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मैं / ज़िया फ़तेहाबादी

8 bytes added, 01:47, 7 अप्रैल 2011
मैं ही मैं हूँ इस जहाँ में, कुछ नहीं मेरे सिवा
ढूँढ़ती है और किस को अब ज़मीं मेरे सिवा
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