मोड़ के आगे मोड़ बहुत
रही उम्र भर दौड़ बहुत
द्वापर में तो कान्हा ही थे
इस युग में रणछोड़ बहुत
नियम एक ही लिखा गया
हुऐ प्रकाशित तोड़ बहुत
किसिम किसिम की मुखमुद्राएँ
धनी हए हँसोड़ बहुत
अन्तिम सहमति कुर्सी पर
रहा सफल गठजोड़ बहुत