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मोरा राम दुनू भइया राम से बनवाँ गइलें ना / महेन्द्र मिश्र

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मोरा राम दुनू भइया राम से बनवाँ गइलें ना
अवध नगरिया के निपटे बिसरलें से सपनवाँ भइले ना।
मोरा राम दुनू भइया राम से बनवाँ गइलें ना
भोर ही के भूखे होइहें चले पग दूखे होइहें सूखे होइहें ना।
मोरा राम दुनू भइया राम से बनवाँ गइलें ना।
सुरूज के किरिन लागे लाल कुंभिलाए होइहें थाके होइहें ना।
मोरा राम दुनू भइया राम से थाके होइहें ना।
सोये होइहें छवना बेबिछवना दूनू भइया से जागे होइहें ना।
मोरा राम दूनू भइया राम जागे होइहें ना।
कहत महेन्दर रोवे माता कौसिल्या से नाहिंए अइलें ना।
मोरा धनुही चरनवाँ राम से बनवाँ गइलें ना।
मोरा राम दुनू भइया राम से बनवाँ गइलें ना।