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"मोसों होरी खेलन आयो / घनानंद" के अवतरणों में अंतर

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'''(राग कान्हरौ )'''
 
'''(राग कान्हरौ )'''

19:25, 15 मार्च 2011 के समय का अवतरण

(राग कान्हरौ )

मोसों होरी खेलन आयौ ।
लटपटी पाग, अटपटे बैनन, नैनन बीच सुहायौ ॥
डगर-डगर में, बगर-बगर में, सबहिंन के मन भायौ ।
’आनँदघन’ प्रभु कर दृग मींड़त, हँसि-हँसि कंठ लगायौ ॥