Last modified on 28 नवम्बर 2019, at 17:33

मौत से पहले / मूसा जलील / अनिल जनविजय

सच्चे संघर्ष के रास्ते पर चला मैं
लेकिन पहुँच नहीं पाया
मंज़िल तक

भाग्य का धागा हैं
ये गर्म गोलियाँ
मेरे शत्रु को नष्ट कर सकीं जो

मेरे जीवित हृदय में
चुभ रही हैं सुइयाँ
और रक्त दौड़ रहा है
मेरी कमज़ोर नसों में
सफ़ेद थी कमीज़
मैंने देखा अब लाल है और गीली

अपमान नहीं करूँगा इस धरती का
मेरे दोस्तो !
हमारी पवित्र दोस्ती की क़सम
मेरी यह सफ़ेद कमीज़
अभी और खिल जाएगी
रक्तिम, लाल फूलों से
ऊँचे किसी ठूँठ पर टाँगना इसे
ताकि देख सकें दूर तक लोग
कि उसने लाल कर दी है हवा
ताकि दुश्मन डरें
और मेरे दोस्त मुझे याद करें

रूसी से भाषान्तर : अनिल जनविजय