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"म्हनैं ठाह है : एक / रमेश भोजक ‘समीर’" के अवतरणों में अंतर

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20:34, 15 जनवरी 2016 के समय का अवतरण

म्हनैं ठाह है
उतावळो है दुसासन
आपवाळां रो
चीर-हरण खातर
अर आपां
हाथ माथै हाथ धर्यां
बैठां हां
एक-दूजै सूं अळघा
दूर.. दूर... दूर....
घणा-घणा दूर
कोसां रै आंतरै माथै
फगत उडीकां हां-
किसन नैं!