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म्हारा हरिया ए जुँवारा राज / निमाड़ी

म्हारा हरिया ए जुँवारा राज कि लाँबा-तीखा सरस बढ्या,
 म्हारा हरिया ए जुँवारा राज कि गँऊ लाल सरस बढ्या,
 गोर-ईसरदासजी का बाया ए क बहु गोरल सीँच लिया,
 गोर- कानीरामजी का बाया ए क बहु लाडल सीँच लिया,
भाभी सीँच न जाणोँ ए क जो पीला पड गया,
 बाइजी दो घड सीँच्या ए क लाँबा-तीखा सरस बढ्या,
 म्हारो सरस पटोलो ए क बाई रोवाँ पैर लियो,
 गज मोतीडा रो हारो ए क बाई रोवाँ पैर लियो,
 म्हारो दाँता बण्या चुडलो ए क बाई रोवाँ पैर लियो,
 म्हारो डब्बा भरियो गैणोँ ए क बाई रोवाँ पैर लियो,
 म्हारी बारँग चूँदड ए क बाई रोवाँ ओढ लेई,
 म्हारो दूध भरयो कटोरो ए क बाई रोवाँ पी लियो,
बीरा थे अजरावण हो क होज्यो बूढा डोकरा,
 भाभी सैजाँ मेँ पोढो ए क पीली पाट्याँ राज करे।