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म्हारो गांव दूलासर / श्याम महर्षि

पक्की सड़क सूं
तीन कोस अळगौ
म्हारो गांव दूलासर,
ऊंचलै बास मांय
किण ई-किण ई घर में
चिमनी कै लालटैण
चालती हवा मांय ई
जग रैयी है

महीनां सूं बंद पड़ी
पौसाळ
गांव री टेकरी अर
मास्टर जी रै बिचाळै
कोई सम्बन्ध हुवणैं रो
दिठाव करावै।

पंचायत रै साम्ही
फाटक मांय आयौड़ा
सांसर
जोवै एक दूजै नै अर सुस्तावै
कदास नीरै
कोई पूत
लेवै आसीस अबोलां री।

पटवारखानै रै
डागळै माथै
कागडोड बैठै अर उड़ जावै
न्याय अर प्रशासन री
ताकड़ी रो कांटो कांपै
एकर फेरूं कागडोड आ‘र
मुण्डेर माथै ‘डो-डो’ करै।

भूख, गरीबी अर
काळ सूूं थाकळ हुय‘र
उदास है म्हारौ गांव
दूलासर,
पाणी अर बिजळी खातर
ओजूं ई हिचकै
अर गांव कांनी
आंवती जीप रै आगै
हाथ पसारै म्हारौ गांव
दूलासर।

अकाल सूं डरपीज‘र
भाग छूट्या है
इण गांव रा जोधजुवान
अर किणी सै‘र री
लूंठी भीड़ मांय
रळगया।
गांव रो बी.पी.ओ. उडीकै
ड्राट-मनिआडर अर रजिस्ट्री नैं।