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म्हैं दीठी उडीक / चंद्रप्रकाश देवल

अणदेख्योड़ा सपना खातर
उडीक आंख व्है
अणकह्योड़ा सबदां खातर
उडीक अरथ व्है
अणउगेर्योड़ा गीतां खातर
उडीक राग व्है
अणचितार्योड़ा सायबा खातर
उडीक ओळूं व्है
पीयोड़ी घूंट रै ऊगण खातर
उडीक इज अेक टोटकौ व्है
जे आ नीं व्हैती
तो अजतांणी अपांरै चेतै
सदाचार अर सांयत रै मूंडै माथै थूकतौ
‘फ्रीज’ व्हियोड़ौ हिटलर व्हैतौ
रैवती हरमेस काळी-बोळी रात
मज्झ दोपारां

म्हैं इण नै
खंग्रास गैंण में आपरै माळै चापळ्योड़ा
पाखी री टूंच में दीठी
गांधी बाबा रै आंख री कीकी में रैवती जैड़ी
सुकरात रा सपना में बसती वैड़ी
गेलेलियो रा साच में पाकती दीठी
फंदा माथै टिर्योड़ा
भगतसिंघ रा बारै आयोड़ा डोळां में
लोही रा कातळा ज्यूं जम्योड़ी दीठी
कळी रै पेट में ई इणरी झलक दीठी

म्हां चसमदीठ रौ पतियारौ करौ
अेक कवि रा सपना में
बस्योड़ी व्है जिकी
वा उडीक इज तो व्है
ओळखौ इण नै।