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यादें-काँकर / सरस्वती माथुर

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1
मन मंदिर
यादें अगरबत्ती
जलती हुई
2
यादों के पाखी
देर तक विचरे
मन -आकाश
3
शीशा-ए- दिल
यादों के पत्थर से
टकरा -टूटे
4
यादें काँकर
गिरें मन -सागर
अक्स डोलते
5
मन -सागर
छ्प-छप तिरती
यादों की नाव
6
यादों की नाव
मझधार पहुँची
भंवर घिरी
7
यादें उड़ीं
अतीत नभ तक
घटा -सी तैरी

यादों के पात
मन में डोलते- से
पाखी -से उड़े
9
हवा यादों की
पतझरी पात-सी
सरसरायी
10
सहेजे यादें
मन की एल्बम को
खोल रही हूँ