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याद करो, कितनी ही सुन्दर युवतियाँ हो चुकी हैं / अरनेस्तो कार्देनाल / मंगलेश डबराल

याद करो,
कितनी ही सुन्दर युवतियाँ हो चुकी हैं

ट्रॉय की वे तमाम सुन्दरियाँ, और अकेआ की
और वे जो थीब की थीं, और जो प्रोपर्तिअस के रोम की थीं
 
और उनमें से बहुतों ने प्यार को बीत जाने दिया,
और वे मर गईं, और वे सदियों से मरी हुई हैं।

और तुम जो मानागुआ की गलियों में
इतनी सुन्दर लगती हो
एक दिन तुम भी उन्हीं की तरह
एक सुदूर अतीत में बदल जाओगी

जब गैस स्टेशन रूमानी खण्डहर बन चुके होंगे
तुम याद रखना ट्रॉय की गलियों की सुन्दरियों को!

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल