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युद्ध त्रिपिटक : मौन, कीर्ति, प्रेम / गाबेबा बेदरून / श्रीविलास सिंह

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I. लेखा जोखा

माँ ने कहा रुकने को ।
उसने देखा अपनी मौन बच्ची की ओर ।
 
मैं प्रतीक्षा कर रही थी तुम्हारी ।

लड़की के चेहरे की शान्ति थी, एक अलग शान्ति
उसके हाथ पड़े हैं बिना मृत्यु के स्पर्श के ।

देह की सफ़ाई वाला काटकर
हटा देता है उसके लम्बे वस्त्र ।

प्रार्थना के नीले मनके गिरते हैं
फ़र्श पर एक धीमे क्रम में ।

देह की सफ़ाई वाला गाने लगता है
एक प्रार्थना माँओं और बेटियों के लिए।
 
माँ ने कहा था
कौन करेगा प्रतीक्षा मेरे लिए।
 
(इराक के पवित्र शहर नज़फ़ पर बमबारी की ख़बर पढ़ने के बाद लिखी गई कविता)
 
II. पिता को ख़बर मिलती है इन्तिफ़ादा में बेटे की मौत की
 
जब सुनी ख़बर उन्होंने, मि. करीम हो गए मौन ।
उन्होंने देखा नहीं कैमरों की ओर,
न ही उन लोगों की ओर जो ले कर आए थे उनका शोक ।
उन्होंने महसूस किया फिसलता हुआ एक हाथ अपने हाथ से
एक छोटी सी अनासक्ति,
और उसके लिए उन्होंने अस्वीकार कर दी कीर्ति से भरी शान्ति ।
 
III. हमेशा पहली बार
 
हम सुनाते हैं अपनी युद्ध की कहानियाँ, मानों वे हों
कहानियाँ प्रेम की, अण्डों सी मासूम।
 
किन्तु हम मिलेंगे फिर स्मृतियों से

अपने शहर को घेरे दीवार के पास

हमेशा पहली बार ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह

लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
                Gabeba Baderoon
   War Triptych: Silence, Glory, Love

I. Accounting

The mother asked to stay.
She looked at her silent child.

I was waiting for you.

The quiet of the girls face was a different quiet
Her hands lay untouched by death.

The washer of bodies cut
away her long black dress.

Blue prayer beads fell
to the floor in a slow accounting.

The washer of bodies began to sing
a prayer to mothers and daughters.

The mother said,
who will wait for me.

(written after a newspaper article on the aftermath of the bombings on
a holy day in Najaf, Iraq)

II. Father Receives News His Son Died in the Intifada

When he heard the news, Mr Karim became silent.
He did not look at the cameras,
nor at the people who brought their grief.
He felt a hand slip from his hand,
a small unclasping,
and for that he refused the solace of glory.

III. Always For The First Time

We tell our stories of war like stories
of love, innocent as eggs.

But we will meet memory again

at the wall around our city,

always for the first time.