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युद्ध / रणविजय सिंह सत्यकेतु

युद्ध
सम्वादहीनता का वीभत्स रूप
और सोचने की क्षमता पर
पूर्णविराम है ।

युद्ध
सहने की कूव्वत का क्षरण
और दूसरों की हैसियत मिटाने की
अनाधिकार चेष्टा है ।

युद्ध
आँगन की ख़ुशियाँ छीनने
दरवाज़े को बेरौनक करने का
भयानक और क्रूर ज़रिया है ।