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"ये गेहूँ की बालियाँ / अनिता मंडा" के अवतरणों में अंतर

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23:22, 13 जनवरी 2021 के समय का अवतरण

ये गेहूँ की बालियाँ
ये बाजरे के सिट्टे
दुआ में उठे हुए

हाथ हैं
धरती माँ के
औलाद भूखी हो तो
माँ की नींद कहाँ आती है।